Wednesday, September 24, 2008

चलिए आज हिमालय की वादियों में



































अनुपम मनोहारी प्रकृति ,उसी का एक भाग हिमालय गर्वोन्नत शिखरों, श्वेत धवल हिमनदों ,कल-कल बहती धाराओं और प्रकृति की बहुत से उपहारों से समृद्ध । हम भी कुछ दिन पहले इन्ही वादियों में थे। उद्देश्य तो था पर्वत चोटियों पर विजय पाना, जो कि स्वयं पर विजय पाने का ही दूसरा नाम है,परन्तु इसके साथ हमने धार्मिक यात्रा भी की । पर्वतारोहन के अनुभव ,धार्मिक यात्रा , पर्वतीय समाज और बहुत सारीबातें है बटने को ,पर वो सब बातें बाद में, फुर्सत के क्षणों में । आज तो सिर्फ़ कुछ तस्वीरें प्रेषित कर रहा हूँ क्योकि कहते हैं एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती हैं। ....अरे ,यह तो बताना भूल ही गया कि कहां की तस्वीरें हैं ?ये उत्तराखंड में गढ़वाल-कुमाऊँ हिमालय क्षेत्र की भारत-चीन सीमा क्षेत्र कीं तस्वीरें हैं .तो देखिये ......