प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के B.H.U.के दीक्षांत समारोह में आने के कारन इन दिनों बनारस में सुरक्षा प्रबंध ने लोगो का जीना मुहाल कर दिया है। आधे शहर की सड़कें बंद कर दी गई है ,लोगो और छात्रों से दो-तीन दिनों से बदसलूकी आम बात है।बनारस की जीवंतता पर मनो ग्रहण लग गया है .
प्रधानमंत्री के दौरे के मद्देनजर एयरपोर्ट से लगायत बीएचयू से ज्ञानवापी तक के इलाके को अभेद्य किले में तब्दील किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के काफिले को जिस रास्ते से गुजरना है उसके चप्पे-चप्पे पर फोर्स लगा दी गई है। रास्ते में पड़नेवाले सभी चौराहों पर सुरक्षा कमान डिप्टी एसपी स्तर के अधिकारी संभाल रहे हैं। गंगा आरती देखने के प्रोग्राम के कारन आम लोग और सैलानियों को घाटों से भगाया जा रहा है .घाटों की बनारसी संस्कृति को ध्वस्त कर उसे छावनी बना दिया गया है।३ बजे से ९ बजे तक यातायात रोकने से बोर्ड परीक्षार्थियों को भयानक दिक्कत होगी।
क्या एक लोकतंत्र में शासक की सुरक्षा पर इतना खर्च(५ करोर)तथा लोगो की इतनी परेशानी ठीक है? क्या शासकों को जनता की परेशानी के बारे में नही सोचना चाहिए ? अगर इनलोगों के आने पर लोगो को इतनी यातनाएँ झेलनी पड़े तो इन्हे कहीं नही जाना चाहिए।
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