Tuesday, October 30, 2007

ek aawaj

एक आवाज
बेबसी और लाचारी की ,
सुनाई पड़ती है
कभी चौक -चौराहों पर
या कभी आते जाते ।
एक आवाज
सुनाई पड़ती है
कभी घर में
कभी दफ्तर में।
दर्द व जख्म लिए
एक आवाज
सुनाई पड़ती है
कभी दिन में
कभी रात में।
सबने सुनी
एक आवाज
दर्द व बेबसी की
पर आब भी आती है
एक आवाज
बेबसी और लाचारी की ।

-दर्शन
बनारस

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