Saturday, June 13, 2015

Nano कहानी #2
समय बदल रहा था और बनारस के घाट भी । शाम के धुंधलके में हम अस्सी की ओर लौट रहे थें । कुछ जोड़े अँधेरी सीढ़ियों पर चुम्बन में व्यस्त थें । उसने मुँह बनाते हुए कहा कि,
"देखो, कितने गंदे couple हैं ।"
मुझे याद आया कि कल ही तो उसने कहा था कि,
"मैं भी कितनी बड़ी dumbo हूँ , इतने सारे रिलेशनशिप में रही, पर ठीक से किस तक नहीं कर पायी ।"
मैं बस मुस्कुराया ।
(वैधानिक घोषणा : इन 'Nano कहानियों के सभी पात्र, स्थान एवं घटनाएँ काल्पनिक हैं । इनका वास्तविकता से कोई सम्बन्ध नहीं है । यदि ऐसा होता है तो इसे मात्र एक संयोग माना जायेगा ।:p )

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