
मोहल्ला पर गुअती घटना कि एक तस्वीर पोस्ट की गई थी.इसे लेकर गरमा-गरम बहस शुरू हो गई.कुछ महिलाए और पत्रकार मानते है की इसे हटा लेना चाहिऐ,क्योकि इससे समाज में बह्शीपन बढेगा। जबकि कुछ लोग कह रहे है की इससे ज्यादा सामग्री बह्शीपन को बढ़ाने के लिए अन्यत्र उपलब्ध है,चित्र सिर्फ घटना की भयंकरता को दर्शा रहा है.इसी में एक टिपण्णी स्वप्नदर्शी जी कि है की इस तस्वीर को पत्रकारों ने बहुत ही निकट से खीचा है ,क्या उन्हें इसे मसाला खबर बनने के पहले उस घटना का विरोध नही करना चाहिऐ था ? इसने एक ने बहस को जन्म दिया है .मुझे भी लगता है कि ,इस पर हमे गंभीरता से विचार करना चाहिऐ.पत्रकारों को भी इस पर सोचना चाहिऐ और सोचना ही नही एक बहस के बाद फैसला लेना चाहिऐ ,आख़िर बुधिजिवियो में वे खुद को अगली कतार में रखते हैं।