मोहल्ला पर गुअती घटना कि एक तस्वीर पोस्ट की गई थी.इसे लेकर गरमा-गरम बहस शुरू हो गई.कुछ महिलाए और पत्रकार मानते है की इसे हटा लेना चाहिऐ,क्योकि इससे समाज में बह्शीपन बढेगा। जबकि कुछ लोग कह रहे है की इससे ज्यादा सामग्री बह्शीपन को बढ़ाने के लिए अन्यत्र उपलब्ध है,चित्र सिर्फ घटना की भयंकरता को दर्शा रहा है.इसी में एक टिपण्णी स्वप्नदर्शी जी कि है की इस तस्वीर को पत्रकारों ने बहुत ही निकट से खीचा है ,क्या उन्हें इसे मसाला खबर बनने के पहले उस घटना का विरोध नही करना चाहिऐ था ? इसने एक ने बहस को जन्म दिया है .मुझे भी लगता है कि ,इस पर हमे गंभीरता से विचार करना चाहिऐ.पत्रकारों को भी इस पर सोचना चाहिऐ और सोचना ही नही एक बहस के बाद फैसला लेना चाहिऐ ,आख़िर बुधिजिवियो में वे खुद को अगली कतार में रखते हैं।
2 comments:
रंगा सियार है . जब बोला तब पता चला . सब के सब वहाँ दोयम दर्जे के पत्रकार हैं पूर्वाग्रह से ग्रसित . ख़बर क्या हो ख़बर का असर क्या होगा ये जानने के लिए विवेक की जरूरत है. मुझे मोहल्ला कई नज़रिये से माकपा
माले के आलावा कुछ नही दिखता .उसके सारे लेख पढे उसकी चाहत का उसके पागलपन का अंदाजा लग जायेगा .औरत का नकली हिमायती चार-चार नारी का अनुरोध कूड़े मे डाल नग्न नारी का पताका अपने मोहल्ले
पर आजतक फहरा रहा है.
दुब्बे जी की गरीबी का उपहास करने वाले ख़ुद गरीबों का मसीहा बनने चला है .अब गीता पढ़ रहे है . जिस रोज
किसी ने भी गीता समझ लिया समझो कमिनागिरी से मुक्ति मिल जायेगी उसे .
Its good to see your blog. The quality and the contents are good. Just carryon slowly the blogs which are consistent and rich in contents are going to pick up in near future. .
Sunil Doiphode
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