Monday, November 19, 2007

वामपंथ का चेहरा


नंदीग्राम की स्थिति क्या दर्शाती है वामपंथ का कुत्सित चेहरा या और कुछ! जिसने वामपंथी बुधिजिवियो को भी हिलाकर रख दिया.हिन्दी के बहुत से ब्लोगों पर लिखा जा रहा है पक्ष मे विपक्ष में.मोहल्ला पर विवेक जी के लेख ने एक भूचाल सा ला दिया है,विरोध का एक सिलसिला ही सुरु हो गया है.पर सही बात यह है कि,
वामपंथ तो नही मर सकता पर वामपंथ के नम पर राजनीती करने वालो की आत्मा जरूर मर गई है.देश के साथ धोखा तो ये पहले भी कर चुके हैं अब जनता के साथ भी कर रहे है.
सही कहा है मुक्तिबोध ने,
फटी जेब में मार्क्सवाद का सिक्का,
जैसे मुसलमानो के लिए मक्का .

1 comment:

Batangad said...

एकदम सही कहा