Friday, November 2, 2007

भजपा की परमाणु डील पर नीति

चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी" href="http://www.chitthajagat.in/?claim=trjz3b4h7h9o">चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी" alt="चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी" src="http://www.chitthajagat.in/images/claim.gif" border=0>

जो भाजपा अपने शासन मी अमेरिका से दोस्ती कि पींगे बढ़ा रहा था ,वही आज छुद्र राजनीतिक स्वार्थों के कारण आज बेसिर पैर का विरोध कर रही है। वैसे डेविड मल्फोर्ड के समझाने का कुछ असर हुआ है, सबसे बेहतर बात होगी कि भाजपा और कांग्रेस अपने राजनीति से ऊपर उठ कर डील को लागु करवाए तथा देश और वामपंथियों को दिखाए कि देश कि विदेश नीति पर दोनो पार्टिया समन सोच और समझ रखती है । अगर यह समझौता नही होता है तो उर्जा कि जो कमी होगी वह तो ज्यादा नही है पर भारत कि विश्व स्तर पर ऐसे देश की छवि बनेगी जो समझौतों का पालन नही करता है.साथ ही साथ वह परमाणु समुदाय में अछूत बना रहेगा। इसलिए आज हमारे हित में है कि मिले हुए मौक़े का लाभ उठाए तथा प्रगति का एक कदम बढाये ।

आपने विचार जरूर प्रेषित करें।

-दर्शन

1 comment:

Asha Joglekar said...

सही कहा आपने, अगर इस वक्त भाजपा, दलगत राजनीती से ऊपर उठकर काँग्रेस का समर्थन करती है तो जनता को बीच उसकी ही छवि निखरेगी और देश का भला होगा ।