यह चित्र बनारस की सुबह कि झलक दिखला रहा है। वह सुबह जो अवध कि शाम जितनी ही प्रसिद्ध है। इसीलिए तो कहते है....
सुबह ए बनारस ,शाम ए अवध।
आज यह सुबह भी आधुनिकता व बाजारवाद के कारन बदल रही है । परन्तु फिर भी इसमे आज भी भारतीय संस्कृति के दर्शन होते है।
आप भी इस पर राय दे।
-दर्शन
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